।। वन्दे मातरम् ।।

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राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय)

राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) शिक्षकों के मध्य योजक के रूप में मंच प्रदान करने वाला एकमात्र वृहद संगठन है जो ‘इदम राष्ट्राय’ के महान ध्येय को केन्द्र में रखकर स्वाभिमानी, अनुशासित, संगठित व कर्मठ कार्यकर्ताओं के बल पर कार्यरत है और राष्ट्रीय दृष्टिकोण एवं राष्ट्रवादी सोच वाले मनीषियों द्वारा प्रशस्त मार्ग पर चलते हुए शिक्षा जगत में ध्वजवाहक की भूमिका में हैं।

राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) की सम्बद्धता राज्य स्तर पर राजस्थान राज्य कर्मचारी महासंघ से हैं तथा राष्ट्रीय स्तर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, अखिल भारतीय प्राथमिक संघ, अखिल भारतीय माध्यमिक शिक्षक महासंघ से सम्बद्धता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी संगठन अपने उक्त राष्ट्रीय संगठनों के माध्यम से एज्यूकेशन इन्टरनेशल से सम्बद्ध है।

राष्ट्रवादी संगठन का उदेश्य राष्ट्रहित, शिक्षक हित तथा विद्यार्थी हित में चिन्तन कर सरकार एवं विभाग को रचनात्मक सुझाव देना है। संगठन पूर्ण लोकतांत्रिक पद्धति से कार्यरत रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर है। विधान के अनुसार उपशाखा, जिला शाखा एवं प्रदेश कार्यकारिणी के संगठनात्मक निर्वाचन, पूर्ण जनतांत्रिक व्यवस्थानुसार समयबद्ध कार्यक्रम द्वारा प्रतिवर्ष सम्पन्न कराये जाते हैं। संगठन की जानकारी शिक्षक संदेश प्रकाशन ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित संगठन के मुख-पत्र पाक्षिक ‘शिक्षकसंदेश’ द्वारा दी जाती है। संगठन के सदस्यों के उपयोग हेतु राजस्थान शिक्षक कल्याण न्यास का जयपुर में विशाल भवन है जिसमें समुचित साधनयुक्त संगठन का प्रान्तीय कार्यालय संचालित होता है।

ध्येय – राष्ट्र हित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक
शिक्षक हित में समाज

o शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षार्थी संबंधी समस्याओं का अध्ययन करना, सुझाव देना एवं उनका निराकरण करवाना।
o राजस्थान में शिक्षा के विस्तार एवं विकास में सहयोग करना।
o राजस्थान के शिक्षकों की शिक्षा संबंधी योग्यता बढ़ाने में सहायता देना।
o छात्र एवं शिक्षकों के हितों की रक्षा करना।शिक्षा संबंधी साहित्य की रचना करना।
o राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय शिक्षक संगठनों से संबंध व समन्वय स्थापित करना।
o राष्ट्रीय समस्याओं पर चिन्तन करना एवं विचार कर निर्णय करना।
o शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीयता की भावना जाग्रत करना एवं राष्ट्र हित के कार्यक्रमों में सहयोग करना।
o छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु चिन्तन कर सुझाव देना।

।। सबसे अच्छा गुरू वह है जो जीवन भर छात्र बना रहे ।।
।। तेरा वैभव अमर रहे माँ हम दिन चार रहे ना रहे ।।

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