शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने मुख्यमंत्री के साथ बजट पूर्व संवाद में शिक्षा और शिक्षक हित रखे सुझाव
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गुरुवार को सीएमओं में कर्मचारी महासंघों, संगठनों के प्रतिनिधियों से बजट पूर्व संवाद किया।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष श्री रमेश चंद पुष्करणा,प्रदेश संघठन मंत्री घनश्याम जी, प्रदेश महामंत्री महेंद्र लखारा जी ने माननीय मुख्यमंत्री जी की इस पहल का स्वागत किया और बताया कि यह प्रथम बार है कि सरकार अपने प्रथम छः माह में ही कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के लिए इतनी सकारात्मकता दिखा रही है,इसके लिए माननीय मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त किया।
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय से वार्ता में प्रांत संघठन मंत्री घनश्याम जी के नेतृत्व में प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संपत सिंह जी, प्रदेश उपाध्यक्ष श्रीमती डॉ अरुणा शर्मा ने भाग लिया।
शिक्षक संघ राष्ट्रीय ने समस्त संवर्गो की वेतन विसंगतियों का निराकरण कर भटनागर समिति एवं खेमराज समिति की रिपोर्ट को लागू करने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत राजस्थान के विद्यालयों में प्राथमिक विद्यालय प्री प्राइमरी कक्षा प्रारंभ होनी है वर्तमान में इनकी प्राइमरी कक्षाओं के लिए राजस्थान राज्य में इनके लिए एनटीटी कोर्स संचालित करने ,ओल्ड पेंशन स्कीम को यथावत जारी रखने, शिक्षा विभाग में की जा रही संविदा आधारित नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई जाकर नियमित भर्ती से ही पद भरे जाने पूर्व से शिक्षण कार्य करा रहे समस्त संविदा कार्मिकों को नियमित करने, सभी संवर्गों की बकाया डीपीसी चरणबद्ध नए सत्र प्रारंभ होने से पूर्व कर पदस्थापन तिथियां शीघ्र निर्धारित करने, वर्ष 2005 से 2008 के बीच भर्ती हुए प्रबोधक वर्ग एवं आरपीएससी से तृतीय वेतन श्रंखला में लगे शिक्षकों की छठे वेतनमान में 11170 पर किया गया था उसको सातवें वेतन मान के अनुसार 12900 पर 2006 में किया जाए इस वर्ग की वेतन विसंगति को दूर करने ,संपूर्ण सेवा काल में चार एसीपी स्वीकृत करने, उप प्राचार्य पद पर 50% सीधी भर्ती करने , केन्द्रीय विद्यालयों की तरह राज्य के विद्यालयों के शिक्षक के अवकाश पर जाने पर छात्र हित में अध्यापन व्यवस्था हेतु तदर्थ नियुक्ति व्यवस्था का प्रावधान करने, विद्यालयों में सहायक कर्मचारी की नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ तथा नहीं होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में ग्रामीण क्षेत्रों में नरेगा में कार्यरत कार्मिकों के माध्यम से
समस्या का समाधान करने तथा शहरी क्षेत्र में कुछ निश्चित राशि की व्यवस्था करने, प्रत्येक शिक्षक के सेवा काल में न्यूनतम 3 पदोन्नतियों की व्यवस्था सुनिश्चित करने, गत 10 वर्षों में माननीय न्यायालय के माध्यम से शिक्षकों के कुछ प्रकरणों पर निर्णय दिए गए हैं , लेकिन एक ही श्रेणी में आने वाले शिक्षक न्यायालय नहीं जा पाए हैं ऐसे शिक्षकों को समान प्रकरण में समान मानते हुए एक समान सामान्य आदेश सरकार से जारी कराने , महात्मा गांधी अंग्रेजी विद्यालयों की समीक्षा कर आधारभुत संरचना ,कम नामाकंन एवं अनार्थिक विद्यालयों को पुनः हिन्दी माध्यम में संचालित किये जाने, संस्कृत शिक्षा में भी पदो की पुनर्समीक्षा , सामान्य शिक्षा में तृतीय भाषा के पदों का सृजन करने, माध्यमिक शिक्षा के विद्यालयों में स्टाफिंग पैटर्न कर पदों की समीक्षा करने, सामान्य शिक्षा में प्रत्येक जिले में संचालित स्वामी विवेकानन्द मॉडल स्कूल की तर्ज पर संस्कृत शिक्षा में भी मॉडल स्कूल खोलने , शारीरिक शिक्षको हेतु समस्त उच्च प्राथमिक/उच्च माध्यमिक विद्यालयों में पदस्थापन / पदोन्नति हेतु छात्र संख्या की अनिवार्यता समाप्त करने तथा उच्च माध्यमिक विद्यालय में सभी विषय अध्यापकों की तरह एक पद द्वितीय श्रेणी का रखा जाने, शारीरिक शिक्षा ,सामाजिक विज्ञान ,चित्रकला, गृह विज्ञान, कृषि ,वाणिज्य से जुड़े तृतीय श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति लगभग 20-25 वर्षों से नहीं हो रही है उनके संपूर्ण सेवा काल में एक न्यूनतम पदोन्नति करने, शहरी क्षेत्र में शहरी व्यक्ति की तर्ज पर ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कार्मिकों को ग्रामीण भत्ता दिया जाने और जनजाति क्षेत्रों के छात्रों के स्वास्थ्य व स्वच्छता हेतु विशेष बजट प्रावधान किया जाने और बाल गोपाल दुग्ध योजना के तहत दिये जाने वाले दुग्ध पाउडर के स्थान पर अन्य व्यवस्था जैसे मिलेटस प्रोडक्ट अथवा दुग्ध की व्यवस्था करने ,30 जून को सेवानिवृत होने वाले कर्मचारी को 1 जुलाई की वेतन वृद्धि दिए जाने, 8 16 24 और 32 चार एसीपी दिए जाने , RGHS योजना में व्याप्त खामियों को दूर करने के सुझाव दिए।