राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का प्रतिनिधि मंडल 20 सूत्री मांगों को लेकर आयुक्त संस्कृत शिक्षा से मिला।

मार्गशीर्ष मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तदनुसार दिनांक 19.11.2024

जयपुर।राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रतिनिधि मंडल ने संस्कृत शिक्षा में शिक्षकों की विभिन्न मांगों के निराकरण को लेकर आयुक्त संस्कृत शिक्षा जयपुर से वार्ता की। प्रतिनिधि मंडल में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा,प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा,प्रदेश सभाध्यक्ष संपत सिंह,प्रदेश उपाध्यक्ष संस्कृत उदयपुर संभाग अभय सिंह राठौड़,पवन जाखड़,मनोज कुमार शर्मा उपस्थित रहे।

प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि आयुक्त संस्कृत शिक्षा से वार्ता में कई बिंदुओं पर सहमति हुई जिनमें नामांकन एवं विषय के आधार पर पदों का पुनः निर्धारण करने तथा जिन वरिष्ठ उपाध्याय, प्रवेशिका विद्यालयी में संस्कृत गणित विज्ञान, अंग्रेजी आदि के पद सृजित नहीं है एवं जिन विद्यालयों में पद अधिशेष है उन्हें प्रत्याहारित कर आवंटित करने,विभाग में वरिष्ठ उप-निरीक्षक एवं उप-निरीक्षक के पदनाम को अतिरिक्त संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी एवं सहायक संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी करने,संभाग स्तरीय खेलकूद प्रकोष्ठ का गठन कर वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक को संभाग कार्यालय में पदस्थापन किया जाए,निदेशालय द्वारा बार-बार एसीआर, संतान संबंधी घोषणा पत्र मांगना बंद करने,संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी और सहायक निदेशक दोनों ही प्रधानाचार्य से पदोन्नति के पद है परन्तु पदोन्नति पश्चात ग्रेड पे 6600 ही रहती है इसे 7600 किया जावें ताकि पदोन्नति बाद आर्थिक लाभ से कार्मिक वंचित ना हो,SSIERT का सुदृढीकरण करने हेतु विभिन्न विषयों की वाकपीठ कार्यगोष्ठी आयोजित करने, SSIERT में स्मार्ट कक्षा-कक्ष की व्यवस्था कर समय-समय पर छात्रों / शिक्षकों को विभिन्न कार्य योजनाओ से जोड़ने सहित विभिन्न मांगों पर सहमति जताई।

प्रदेश अध्यक्ष पुष्करणा ने बताया कि वार्ता के परिणाम स्वरूप कई मांगों के प्रस्ताव बनाकर भिजवाने पर निर्णय हुआ।प्रमुख रूप से नवगठित संभागों में संभाग संस्कृत शिक्षा कार्यालय खोलना एवं प्रत्येक जिला स्तर पर पर प्रशासनिक कार्यालय का सृजन कराना जिससे निरीक्षण एवं कार्यालय के अन्य कार्यों को गति मिले,समस्त प्रवेशिका एवं वरिष्ठ उपाध्याय विद्यालयों में मंत्रालयिक कर्मचारी, शारीरिक शिक्षक ,कम्प्युटर अनुदेशक एवं आवश्यकतानुसार पदों का सृजन कर भरने,संस्कृत शिक्षा सेवा नियम स्कूल विंग में उल्लेखित संयुक्त निदेशक एवं उपनिदेशक तथा सहायक निदेशक के 2 पदों का प्रशासनिक एवं वित्तिय स्वीकृति अविलम्ब जारी करने,वरिष्ठ शारीरिक शिक्षक के पदों का शीघ्र सृजन किया जाये जिससे पदोन्नति के मार्ग प्रशस्त हो,विभागीय पदोन्नति में प्रधानाध्यापक / प्राध्यापक / प्रधानाचार्य आदि पदों में निर्धारित योग्यता में 48 प्रतिशत की बाध्यता समाप्त करने जैसी कई मांगों के लिए प्रस्ताव भिजवाए जाएंगे।साथ ही विभाग में शाला दर्पण पोर्टल सामान्य शिक्षा की तर्ज पर संचालित करने जिससे सभी संभाग एवं निदेशालय में कार्यरत समस्त कार्मिकों को अपडेट करना एवं स्टाफ विण्डों चालू कराना जिसका नियन्त्रण संभाग स्तर पर हो,संस्कृत शिक्षा को विशेष मानते हुए मानदण्डों में शिथिलता देकर सामान्य शिक्षा की तरह प्रवेशिका विद्यालयों को वरिष्ठ उपाध्याय स्तर पर क्रमोन्न्त करने,बी.एड. एवं उच्च अध्ययन के लिए अध्ययन अवकाश सामान्य शिक्षा के अनुरूप स्वीकृत करने,राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्कुल शिक्षा विभाग का स्वतंत्र रूप से गठन कर कॉलेज शिक्षा के अधिकारियों का संस्कृत स्कूल शिक्षा पर से नियंत्रण समाप्त करने, विभाग में अधिकारों का विकेन्द्रिकरण करते हुए सहायक प्रशासनिक अधिकारियों एवं द्वितीय श्रेणी शिक्षक तक के संस्थापन जैसे कि स्थानांतरण, पदस्थापन के अधिकार संभागीय संस्कृत शिक्षा अधिकारी को दिये जाने तथा संभाग स्तर पर इनकी वरिष्ठता का निर्धारण करने,उदयपुर, कोटा एवं जोधपुर संभाग में अध्यापकों एवं मंत्रालयिक कार्मिकों के रिक्त पदों को प्राथमिकता से शीघ्र भरने,उच्च प्राथमिक विद्यालय में लेवल 2 गणित व विज्ञान के पद पृथक – पृथक स्वीकृत करने,शिक्षकों एवं मन्त्रालयिक कार्मिकों के पदों का समानीकरण अनिवार्य रूप से करने जैसी कई मांगों पर वार्ता हुई।इस अवसर पर प्रदेश कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने हर्ष व्यक्त करते हुए संस्कृत शिक्षा विभाग में लंबे समय बाद संगठन के प्रयासों से विभाग की सक्रियता पर प्रसन्नता जताई।

भवदीय
महेंद्र कुमार लखारा
प्रदेश महामंत्री