शासन सचिव और निदेशक से मिला शिक्षक संघ राष्ट्रीय का प्रतिनिधि मंडल, शिक्षकों की विभिन्न मांगों के साथ शिक्षा में सुधार के दिए सुझाव
जयपुर।कार्तिक मास कृष्ण पक्ष त्रयोदशी, विक्रम संवत 2081 दिनांक: 29.10.2024
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा के नेतृत्व में शासन सचिव (शिक्षा) कृष्ण कुणाल व निदेशक आशीष मोदी से मिला।प्रतिनिधि मंडल में पुष्करणा के साथ प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा और प्रदेश महिला मंत्री डॉ अरुणा शर्मा उपस्थित रहे।
प्रदेश महामंत्री महेंद्र कुमार लखारा ने बताया कि प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षा,शिक्षक और शिक्षार्थी को लेकर कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।इस दौरान राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय मूल्यों से विकसित शिक्षा प्रणाली,राजकीय विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर,प्रशिक्षण ,समायोजन,स्थानांतरण जैसे प्रमुख विषयों को लेकर चर्चा हुई।जिनमें प्रमुख रूप से शिक्षकों के स्थानांतरण करना,म्यूचुअल स्थानांतरण करने,स्थानांतरण पॉलिसी जारी करके शिक्षक संघों से सुझाव लेना,मुख्यमंत्री जनसहभागिता योजना की राशि जारी करने,प्राथमिक स्तर पर कक्षा 1 से 5 के लिए न्यूनतम 5 शिक्षक लगाने,अतिरिक्त कक्षा कक्ष उपलब्ध करने ,सूचनाओं के नाम पर ऑनलाइन खानापूर्ति बंद करने,अधिशेष शिक्षकों के समायोजन करने जैसी कई महत्वपूर्ण मांगों पर चर्चा हुई,अधिकांश मांगों पर शासन सचिव और निदेशक सहमत दिखाई दिए।
प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि मांगों के अलावा राष्ट्र हित में काम करने वाले संगठन के कर्तव्य के रूप में संगठन ने शिक्षा में सुधार के सुझाव भी दिए।इन सुझावों में प्रमुख रूप से राजकीय विद्यालयों में गिरते नामांकन पर चिंता व्यक्त की गई।गिरते नामांकन के प्रमुख कारण पहली कक्षा में प्रवेश की आयु 6 वर्ष होना,विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक नहीं होना,जगह जगह निजी विद्यालयों का होना और उनमें आरटीई के नाम पर बच्चों को प्रवेश दिलाकर सरकार द्वारा भरण पोषण शुल्क देना,राजकीय शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों यथा बीएलओ,पोषाहार में लगाए रखना,अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के प्रति लगाव जैसे कई कारणों से राजकीय विद्यालयों में नामांकन गिर रहा है।इसके लिए आवश्यक है कि सबसे पहले तो निजी विद्यालयों को आरटीई में देना बंद हो,शिक्षकों के लिए वार्षिक प्रशिक्षण कैलेंडर बने,सरकारी कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के बच्चे सरकारी विद्यालयों में पढ़े,निजी विद्यालयों में पढ़ाते है तो दुगुनी फीस ली जावे,मुख्यमंत्री जनसहभागिता योजना से सरकारी विद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करना,खेल खेल में शिक्षा जिनमें चित्र या अन्य सामग्री हो,विद्यालयों में निरीक्षण पूरा एक दिन होना चाहिए, पीईईओ को अधिकार दिए जावे,स्थानीय शिक्षक लगाकर उपचारात्मक शिक्षण 6 माह के लिए करना, सभी बालकों के पास होने वाले नियम बंद करने सहित अनेक मांगों और सुझावों पर चर्चा हुई।
भवदीय
महेंद्र कुमार लखारा
प्रदेश महामंत्री